Sunday, May 31, 2020

ज्ञान बढ़ाओ सब बढ़ेगा राग परिचय, ताल ज्ञान




राग परिचय 


हर पल कुछ नया कैसे सीखे 

चलिए कोसिस करते है कुछ नया सिखने की
                                      भाग -1

संगीत के कई अनमोल पुस्तक  प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें संगीत सम्बन्धी प्रत्येक जानकारी मिल सकती है, परन्तु उन ग्रन्थों से संगीत के प्रारंभिक विद्यार्थी पूरा लाभ नहीं उठा पाते, क्योंकि विद्वत्तापूर्ण ग्रन्यों की जटिल भाषा उनका मार्गदर्शन नहीं कर पाती ।

विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए, संगीत के प्रधान सम्पादक डॉ० लक्ष्मीनारायण गर्ग ने उ० प्र० शिक्षा बोर्ड की कक्षा 9 व 10 तथा प्रयाग संगीत समिति इत्यादि के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के लाभार्थ, सरल भाषा में पुस्तक लिखने का दायित्व मुझे सौंपा । उनके प्रोत्साहन से ही इस पुस्तक को लिखने का साहस जुटा पाया हूँ ।

मैंने इसमें सभी संगीत संस्थाओं के प्रारम्भिक पाठ्यक्रमानुसार पूरी सामग्री देने का प्रयास किया है, और परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के उदाहरण भी दिए हैं । आशा है विद्यार्थीगण इससे लाभान्वित होंगे ।

भूमिका (भाग -2)

संगीत विद्यार्थियों के लिए सरल भाषा में सुलभ संगीत राग परिचय भाग एक की तरह, उच्च कक्षा के विद्यार्थियों के लाभार्थ और उनके हित को ध्यान में रखते हुए संगीत राग परिचय भाग दो प्रकाशित किया जा रहा है।

इस पुस्तक में उच्च कक्षाओं के संगीत विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रमानुसार पूरी सामग्री देने का प्रयास किया गया है, जैसे भारत की गायन शैलियाँ, रागों का समय विभाजन, प्रसिद्ध संगीतज्ञों का जीवन परिचय, विभिन्न वाद्यों का वर्णन इत्यादि ।

ये सब मां सरस्वती के कण्ठहार के बहुमूल्य रत्न हैं, जिन्हें वरदान रूप में प्राप्त कर विद्यार्थी अमूल्य निधि से सम्पन्न होकर जीवन में आनन्द की अनुभूति करेंगे ।

सोने की तरह इस ज्ञान की साधना की अग्नि में तप कर हम बह्मानन्द सहोदर की प्राति कर सकते हैं।

एकांत हो अथवा सहवास, सुख हो अथवा दुख, इन राग रागनियों की सिद्धि सुन्दर मणियों के समूह हैं, जो सब प्रकार से पवित्र, मंगलमयी, अमूल्य सुन्दर निधि हैं।

अंक का दूसरा भाग उच्च कक्षा के विद्यार्थियों के लिए अत्यन्त उपयोगी सहायक सिद्ध होगा, ऐसी मेरी आशा व पूर्ण विश्वास है। इस पुस्तक के प्रकाशन में संगीत पत्रिका के प्रधान सम्पादक डॉ० लक्ष्मीनारायण गर्ग का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।

यह दूसरा भाग, प्रथम भाग की तरह माँ सरस्वती के चरणों में समर्पित है ।

विषय सूची

 

भूमिका6
प्रथम अध्याय (क्रियात्मक राग परिचय)16
द्वितीय अध्याय (ताल विज्ञान) भातखण्डे पद्धति में तालों का वर्णन92
पं० विष्णुदिगम्बर ताल लिपि के अनुसार तालों का वर्णन97
तृतीय अध्याय (क) संगीत106
तृतीय अध्याय (ख) संगीतशास्त्र110
चतुर्थ अध्याय (संगीत की गायन शैलियाँ)135
पंचम अध्याय (जीवन परिचय)141
षष्ठम अध्याय (वाद्ययंत्र परिचय)153
सप्तम अध्याय173
अष्टम अध्याय (निबन्ध)182
अनुक्रमणिका (भाग 2) 
यू० पी० बोर्ड के इण्टर का पाठ्यक्रम9
प्रयाग संगीत समिति का पाठ्यक्रम (तृतीय और चतुर्थ वर्ष)12
प्रथम अध्याय 
भातखण्डे और विष्णुदिगम्बर स्वरलिपि पद्धतियों का परिचय16
राग दुर्गा का परिचय व आलाप तान18
राग केदार का परिचय व आलाप तान21
राग भीमपलासी का परिचय व आलाप तान24
राग कामोद का परिचय व आलाप तान26
कामोद और हमीर की तुलना28
राग भैरव का परिचय व आलाप तान29
राग जौनपुरी का परिचय व आलाप तान32
राग देशकार का परिचय व आलाप तान34
देशकार और भूपाली की तुलना36
राग तिलग का परिचय व आलाप तान37
राग वृन्दावनी सारंग का परिचय व आलाप तान39
राग पटदीप का परिचय व आलाप तान41
राग जयजयवंती का परिचय व आलाप तान43
राग मालकौंस का परिचय व आलाप तान46
राग गौड़सारंग का परिचय व आलाप तान48
राग हमीर का परिचय व आलाप तान50
हमीर और केदार की तुलना52
राग शंकरा का परिचय व आलाप तान53
राग तिलक कामोद का परिचय व आलाप तान56
राग बहार का परिचय व आलाप तान59
राग कालिंगड़ा का परिचय व आलाप तान61
कालिंगड़ा और भैरव की तुलना63
राग पीलू का परिचय व आलाप तान64
राग मारवा का परिचय व आलाप तान67
राग मुलतानी का परिचय व आलाप तान69
राग सोहनी का परिचय व आलाप तान72
सोहनी और मारवा की तुलना74
राग पूर्वी का परिचय व आलाप तान76
द्वितीय अध्याय 
छोटे ख्याल के ठेके तीनताल, झप ताल, एक ताल (दुत)78
बड़े ख्याल के ठेके झूमरा, आड़ा चौताल, तिलवाड़ा79
ध्रुपद के ठेके चार ताल, सूल ताल, तीवरा, मत्त ताल79
धमार का ठेका80
ठुमरी के ठेके दीपचंदी व जत ताल80
भजन, गीत और गजल के ठेके कहरवा, दादरा, रूपक81
टप्पा का ठेका (टप्पा ताल)82
समान मात्राओं के विभिन्न तालों का कारण व उपयोग83
लयकारी84
लयकारी लिखने की विधि84
तृतीय अध्याय 
संगीत96
भारत की दो मुख्य संगीत पद्धतियाँ ध्वनि व आन्दोलन96
संगीत शास्त्र 
ध्वनि, नाद, नाद की विशेषताएँ99
श्रुति, स्वर100
थाट, मेल अथवा थाट के नियम101
थाटों की संख्या, राग102
थाटों और रागों की तुलना103
जनक थाट और जन्य राग104
आश्रय राग, वर्ण, अवयव104
राग की जाति105
अन्य परिभाषाएँ106
व्याख्या सहित तान के प्रकार112
सरल तथा जटिल अलंकारों की रचना114
विवादी स्वर का प्रयोग116
गीत, गांधर्व, गान तथा मार्ग व देशी संगीत117
निबद्ध अनिबद्ध गान, रूपकालाप, रागालाप, आलप्ति गान118
आविर्भाव तिरोभाव, स्वस्थान नियम का आलाप आक्षिप्तिका,अल्पत्व, बहुत्व119
आधुनिक आलाप (नोम तोम तथा आकार)122
दस सरल रागों की संक्षिप्त व्याख्या124
चतुर्थ अध्याय 
श्रुतियों के विभाजन द्वारा स्वरों की स्थापना129
उत्तरी व दक्षिणी स्वर, पं० व्यंकटमखी के 72 थाट,थाट बनाने की विधि135
उत्तरी संगीत पद्धति से 32 थाटों की रचना, एक थाट से 484 रागों की रचना, राग रागिनी वर्गीकरण136
पंचम अध्याय 
संगीत की गायन शैलियाँ ध्रुपद, धमार, ख्याल, टप्पा, ठुमरी, लक्षण गीत, स्वरमालिका, तराना, चतुरंग भजन, गज़ल, कब्बाली,लोकगीत, गीत, होली, गायकों के घराने, गायकों के गुण अवगुण142
षष्टम् अध्याय 
जीवनियाँ154
सप्तम अध्याय 
राग गाने का समय विभाजन171
रागों का समय चक्र174
अध्वदर्शक स्वर मध्यम का महत्त्व175
स्वर तथा समय की दृष्टि से रागों के तीन वर्ग176
परमेल प्रवेशक राग178
अष्टम अध्याय 
वाद्यों के प्रकार179
तानपूरा180
तानपूरा के मूल तथा सहायक नाद183
तबला186
तबला वादन सम्बन्धी विशेष जानकारी190
सितार193
सितार के बोल तथा बजाने की विधि195
सितार सम्बन्धी विशेष जानकारीमींड और सूत, छूट, कृन्तन, घसीट, पुकार,लाग डाट, कस्बी और अताई196
नवम् अध्याय 
भारतीय संगीत का इतिहास200
अति प्राचीन (वैदिक काल)प्राचीन काल, मध्य काल (मुस्लिम काल),आधुनिक काल (अँग्रेज़ी राज्य एवं स्वतन्त्रता काल)207
दशम् अध्याय 
वीणा के तार पर श्रीनिवास के स्वर208
श्रीनिवास एवं आधुनिक स्वरों की तुलना212
कुछ रागों का संक्षिप्त विवरण213
Sample Pages

Vol-I









Vol-II








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